जयपुर : जब से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने लाल चौक पर एलान करने के बाद झंडा फेहराया है तबसे उनकी ख्याति पूरे देश में फ़ैल गई है, इसके साथ ही 18 से अधिक राज्यों में उन्होंने राष्ट्रीय करनी सेना की स्थापना कर अपना दम दिखा दिया है | इन सबके चले कुछ लोकल नेता उनके सामने कई गुना पीछे रह गए और उनपर आरोप लगते हैं  कि खुंदस निकालने के लिए ये नेता अपने समर्थकों द्वारा फेक राजपूत ID द्वारा गाली गलोच  करवा रहे हैं

विवादित रहे हैं गोगामेड़ी शुरू से ही 

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने राजनीती में भी हाथ आज़माया था मगर उन्हें राजनीती के छल कपट ने टिकने नहीं दिया, जो बात उनके जेहन में आती है वो सीधी ही बोल देने और उसपर मलाईदार लेप लगाने की कला सुखदेव गोगामेड़ी में नहीं है यही बात उनको समाज में तो पॉपुलर कर गई मगर राजनीती में उनको आगे बढ़ने से रोक गई | गोगामेड़ी ने अनेक मौकों पर अपनी प्रतिष्ठा खुद ही ध्वस्त कर दी मगर बार बार वो अन्य मुद्दों को उठाकर वापसी करते गए इसलिए उनके विरोधी  केवल कुछ एक दिन खुश रहे मगर बार बार आगे बढ़ता देख तकलीफ हुई है जैसा उनके समर्थक बताते हैं

लाल चौक पर झंडा फहराना वो भी एलान के बाद 

गोगामेड़ी ने तीन महीने पहले एलान किया और पूरे शोर शराबे के साथ लाल चौक पर झंडा फहराने निकल गए, मगर शुरू में उनको कई नेताओं ने नज़रअंदाज़ किया और हंसी उड़ाई मगर भयंकर विरोध के बावजूद, कर्फू होने पर भी लाल चौक पर झंडा फहराकर वीडियो वायरल करते ही गोगामेड़ी का नाम पूरे देश में हो गया इसके चलते उनके विरोधी कद में उनके सामने बौने साबित हो गए

गोगामेड़ी ने चैलेंज दे दिया मगर कबूल करना विरोधियों के बस की बात नहीं दीखती 

बढ़ती प्रतिष्ठा से आहात कई नेताओं ने गोगामेड़ी के खिलाफ अपनी आई टी टीम का गठन कर दिया जिसमें से कुछ से हमारी बात भी हुई और उनके प्रोफ़िलों को को चेक कर हमने तस्दीक की कि उनकी बात सही हो सकती है | उन्होंने बताया कि तीन से चार हज़ार राजपूत फेक अकाउंट बनाकर गोगामेड़ी पर भयंकर गाली गलोच और नागौर के नेता के पक्ष में प्रचार करने का मिशन मिला था मगर नागौरी नेता के समर्थक बताते हैं कि ऐसे नेता जो चैलेंज स्वीकार नहीं कर सकता उनके निचे काम करके उन्हें भी अफ़सोस होता है

गोगामेड़ी ने सीकर प्रकरण में कई आपत्तिजनक बयान दिए मगर उनके खिलाफत से डरते दिखे विरोधी 

यूँ तो गोगामेड़ी ने सीकर दुल्हन प्रकरण में पहुंचकर मामले को बहुत बड़ा बनाकर कानून व्यवस्था के लिए ही चुनौती खड़ी  कर दी थी मगर साथ ही ऐसे भी बयान दिए जो उनको नहीं देने थे, इसके बाद बवाल हुआ और नागौर से सीकर आकर नेताओं ने सीकर बंद करवाया जिससे सीकर व्यापर मंडल बेहद आहत दिखा | इस प्रदर्शन में बंद करने वालों ने पुलिस प्रशासन को खुलकर टारगेट किया मगर गोगामेड़ी का नाम लिखने की हिम्मत नहीं दिखा पाए जिसपर दोबारा से गोगामेड़ी के खौफ्फ़ के किस्से प्रचलित हो गए

राजेंद्र गुढ़ा और सुखदेव गोगामेड़ी का नाम लेने से क्यों बचे नेता 

राजेंद्र गुढ़ा और सुखदेव गोगामेड़ी ने जो विवादित बयान दिए या काम किये उनके बारे में ज्ञापन में लिखा जरूर किया मगर सीधे तौर पर दोनों का नाम नहीं लिखने से पूरी जनता ये सोचती रह गई कि इसका क्या कारण हो सकता है इसके विपरीत प्रशासन का जहाँ नाम लिखने की जरुरत नहीं होती वहां पुलिस अफसर का नाम लिखा गया और मंच से गलत बयानी की गई | पूछे जाने पर नेताओं ने पहले कहा कि गुढ़ा और गोगामेड़ी की कोई हैसियत नहीं कि उनका नाम लिखें मगर एक ही मिनट में पलटी मारते हुए सवाल का जवाब देते हुए जिसमें पुछा गया था कि जब उनकी हैसियत ही नहीं है तो मुद्दा किस बात का बना रहे हो पर जवाब मिला कि विधायक बड़ी पोजीशन होती है | अब ये अपना स्टैंड ही क्लियर नहीं कर पाए कि उनको समस्या क्या है जिसके चलते उनका गोगामेड़ी और गुढ़ा का नाम लेने से होता परहेज़ और दोनों के सीधे निशाने पर आ जाने की बात उनको सताती दिखी

मीडिया को टारगेट कर गोगामेड़ी के इंटरव्यू नहीं लेने का दबाव में गाली गलोच

टीवी चैनल आजतक के एक पत्रकार ने गोगामेड़ी का  इंटरव्यू लिया जिसके बाद उस पत्रकार को नागौर के एक नेता के समर्थकों ने जमकर गाली निकाली,सीकर टाइम्स पर भी गोगामेड़ी के दो इंटरव्यू आ चुके हैं जो रिकॉर्ड तोड़ व्यू लेते हैं, गोगामेड़ी के लाल चौक वाले कई वीडियो मिलियन के ऊपर पहुंचे ऐसे में गोगामेड़ी को मीडिया में दिखाई नहीं देने के लिए मीडिया पर बनाया जा रहा दबाव अब साफ़ दिख रहा है और मीडिया इसका जल्द पलटवार कर सकता है | सीकर टाइम्स को भी ज्यादातर अभद्र टिप्पणियां इसी बात का दबाव बनाती दिखती हैं कि कैसे भी हो जाए गोगामेड़ी का इंटरव्यू न लिया जाए वो भी तब जब गोगामेड़ी का पिछला इंटरव्यू लिए साल भर से ज्यादा हो गया | नागौर के नेता का गोगामेड़ी की लोकप्रियता से इतना खौफ्फ़ समझ से परे है

जल्द ही समय लेकर एक इंटरव्यू नहीं पूरी सीरीज करेंगे गोगामेड़ी पर 

मीडिया को जिस बात के लिए दबाया जाता है मीडिया उसको और ज्यादा उठाता है ये बात न जाति के नाम पर विधायक तक पहुंचे नेता जानते हैं न उनके समर्थक, इसलिए एक इंटरव्यू के लिए दबाये जाने के पीछे के कारणों का पता लगाकर इंटरव्यू की सीरीज जिसमें गोगामेड़ी पर लगे हर इलज़ाम पर चर्चा होगी जल्द लाने का प्रयास करेंगे | कहीं ऐसा तो नहीं है कि उनपर लगे इल्जाम ही गलत हों और उनका उत्तर जनता के सामने आने ही नहीं दिया जा रहा हो





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