कुछ दिन पहले तक जहाँ पाकिस्तान मोदी को युद्ध का सनकी कह रहा था वहीँ अचानक से वही मोदी उनके लिए शांति कायम करने का जरिया हो गए, ऐसे बयान संदेह पैदा करते हैं
क्या है बयान, इसको तोडा मरोड़ा तो नहीं गया ?
इमरान ख़ान का वो बयान पाकिस्तानी मीडिया में छाया रहा जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मोदी दोबारा पीएम बनते हैं तो कश्मीर मसले का हल ढूंढने में ज़्यादा आसानी होगी. लेकिन ख़ुद इमरान के विदेश मंत्री इस बारे में कुछ और ही कहते हैं. उन्होंने कहा कि इमरान ख़ान के बयान को बिना किसी संदर्भ के पेश किया गया है. अख़बार दुनिया के अनुसार शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि ''किसी के यार हैं न मददगार, भारत में जो जीतेगा उसी से बात होगी.''
अब्दुल्ला को मिला मोदी पर हमला करने का मौका
अब्दुल्ला ने कहा कि "अब तक मोदीजी कहते थे कि पाकिस्तान और उसके साथ संवेदना रखने वाले भाजपा को हारते देखना चाहते हैं। लेकिन अब तो खुद इमरान ने ही दूसरे कार्यकाल के लिए मोदी का समर्थन कर दिया है। "वहीं, महबूबा ने कहा कि भक्त अभी भी अपना सिर खुजा रहे हैं और सोच रहे हैं कि उन्हें इमरान खान की तारीफ करनी चाहिए या नहीं।
कांग्रेस भाजपा के बहाने देश में फूट डालने का प्रयास तो नहीं
कल तक कांग्रेस को शांति के लिए बेहतर बताने वाले अगर अचानक से भाजपा को बेहतर बताने लग जाएँ और वो भी किसी नए समीकरण के बिना तो संदेह हर जगह से उठता है, कांग्रेस के घोषणापत्र को भाजपा खुद पाकिस्तान की पसंद का घोषणापत्र कह चुकी है अब इमरान के बयान के बाद कांग्रेस भी भाजपा को पाकिस्तान की पसंद बताने की राजनीती करने की शुरुआत कर चुकी है
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