राजस्थान में जयपुर ग्रामीण से भाजपा के युवा सांसद राज्यवर्धन राठौड़ एक स्पोर्ट्स पर्सनालिटी के अलावा मिलिट्री से सम्बन्ध रखने के कारण प्रदेश में काफी लोकप्रिय हैं और वसुंधरा सरकार के दौरान राजस्थान में भाजपा की छवि सुधरने के लिए बार बार सांसद अपने वीडियो के द्वारा जनता से संपर्क भी स्थापित करते रहे हैं
सत्ताधारी सांसद पूछ रहा विपक्ष से सवाल
भारत में नए तरह की राजनीती देखने को मिली है जहाँ सत्ताधारी सांसद अपने कार्य का जवाब न देकर उल्टा विपक्ष से ही सवाल पूछने लग गए हैं और इस अजीबोगरीब स्तिथि का अभी तक कोई तोड़ नज़र नहीं आ रहा था | हाल ही में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राहुल गाँधी से पांच सवाल पूछ डाले जिसके बाद हर कोई उन सवालों के जवाब आने के बारे में उम्मीद कर रहा था मगर हुआ कुछ और ही
खाचरियावास ने उल्टा पूछ डाले नौ सवाल
भाजपा कार्यकर्ता अपने चाहते सांसद के सवालों को लेकर कांग्रेस से बहुत जवाब दो जवाब दो कह रहे थे मगर अचानक से पांच सवालों के जवाब में न सिर्फ प्रताप सिंह खाचरियावास ने सवालों को ही गलत करार देते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग विपक्ष से कैसे सवाल कर रहे हैं जबकि सवाल करने का अधिकार विपक्ष का होता है साथ ही उन्होंने नौ ऐसे सवाल दाग दिए जिनका जवाब देना तो दूर सुनना भी भारी पड़ गया | जानिए कौन से थे सवाल।
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- पेट्रोल-डीजल सस्ता करने के वादे का क्या हुआ?
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- 12 हजार पत्थरबाजों के मुकदमे वापिस क्यों लिए ?
- केन्द्र की मोदी सरकार आतंकवादियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही क्यों नहीं कर रही ?
- पाकिस्तान के खिलाफ सख्त फैसला लेने में मोदी सरकार क्यों डर गई?
जवाब लेने के लिए नहीं केवल दूसरे पर हावी होने के लिए पूछे जा रहे सवाल बेमानी है
खाचरियावास के सवालों के बाद राज्यवर्धन सिंह की आक्रामकता काफी कम हो गई है क्यूंकि अभी तक उनकी हर बात सोशल मीडिया पूरे जोरों शोरों से उठा रहा था और कोई ये तक ध्यान नहीं दिला रहा था कि सत्ता में बैठकर कोई विपक्ष से कैसे सवाल पूछ रहा है | खाचरियावास पायलट के खेमे के नेता है जो न सिर्फ जोश से काम लेते हैं बल्कि बाकि नेताओं को भी अब शायद पता लग गया कि शुरुआत तो किसीको करनी पड़ेगी
यहाँ यह बात सबसे महत्त्वपूर्ण है कि न तो राजयवर्धन के सवालों के जवाब कांग्रेस ने दिए और न ही खाचरियावास के सवालों के जवाब मिलने की भाजपा से कोई उम्मीद है | माना जा सकता है कि सवाल केवल दूसरे को धराशाई करने के लिए पूछे जाते हैं जवाब लेने के लिए नहीं फिर भी सवालों का अपना महत्व है और इन सवालों के जवाब आने ही चाहिए
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