सीकर की कानून व्यवस्था और लचर सरकारी व्यवस्था अब पुरानी कहानी होती जा रही है। जब से सीकर में नए कलेक्टर सीआर मीणा ट्रांस्फर होकर आऐ हैं तब से सरकारी सिस्टम की खानापूर्ती और जी हुजूरी के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। हालिया वाक्या है सरकारी अस्पताल में कलेक्टर साहब को कार्यक्रम में हरी झंडी देने बुलाया गया। ऐसे में जो सीकर देखता आया है कि साब आते रहे हैं सम्मान लेते रहे हैं और बाहर से ही अस्पताल में सब कुछ सही होने का अंदाजा लगाकर अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए रवाना हो जाते रहे हैं। सीकर शहर में निजी शिक्षण संस्थान के कार्यक्रमों में पुराने कलेक्टर बहुतायत में दिखाई देते रहे हैं जो एक अच्छी बात है, मगर इस करके साहब को सरकारी अस्पतालों व सरकारी संस्थाओं का समुचित मुआयना करने का समयाभाव भी रहता रहा है, मगर नए कलेक्टर साब कुछ अलग अंदाज में आए हैं।
जिले में कलेक्टर मीणा का कार्यकाल आम नागरिकों के लिए सुखद रहेगा व निजी संस्थाओं के बजाय सरकारी संस्थाओं के प्रति अधिक ध्यान रहने की उम्मीद बनी है।
कलेक्टर मीणा की कार्यप्रणाली से जिले को मिली उम्मीद
हरी झंडी देने के पश्चात कलेक्टर साहब में लगे हाथ अस्पताल का मुआयना करने का भी मन बना लिया जिसके चलते ज़िम्मेदारों के हाथ पाँव फूल गए। केवल राजस्थान पत्रिका में इसकी पूरी रिपोर्ट छपी है जबकी यह जिले की सबसे सुखद खबर है। कलेक्टर मीणा की इतनी बड़ी खबर जो जिलेवासियों तक पहुँचनी जरूरी थी वो केवल पत्रिका में पॉंच कॉलम में छपी जो पत्रिका की असली पत्रकारिता जिंदा रखने की कहानी कहती है।जिले में कलेक्टर मीणा का कार्यकाल आम नागरिकों के लिए सुखद रहेगा व निजी संस्थाओं के बजाय सरकारी संस्थाओं के प्रति अधिक ध्यान रहने की उम्मीद बनी है।
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