आदतन झूठी खबर तो जैसे अब आदत ही बन गयी है भास्कर की | जिस प्रकार की पत्रकारिता दैनिक भास्कर में पिछले कुछ समय में देखी गयी है वो हैरानी भरी है, सीकर टाइम्स ने कई बार इसकी सिरे से झूठी खबर को एक्सपोज़ किया है मगर ये तो जैसे बाज़ आने वाले ही नहीं हैं |
सरकारी डाक्टर नमक पेज जिससे हज़ारों डॉक्टर जुड़े हुए हैं ऊपर लिखा गया है
सिरे से झूठी खबर छापने का इतिहास
शेखावाटी विश्वविद्यालय में जहाँ विज्ञापनदाताओं के समर्थन में किसी कॉलेज की फैकल्टी किसी और कॉलेज में दिखाकर, इंडोनमेंट फण्ड को फीस की तरह भ्रामक बनाकर दबाव लाने के चक्कर में छपी खबर के बाद भी कोई त्रुटि सुधार नहीं डालने वाले भास्कर का एक और कारनामा सामने आया हैचोरी और सीनाजोरी
निरंतर एक्सपोज़ होने के बाद भास्कर के दो पत्रकारों ने सीकर टाइम्स को बंद कराने के लिए फर्जी FIR भी की थी जिसका खुलासा बड़े लेवल पर होगाभास्कर की फर्जी खबर की वजह से एक बार तो हमें माफ़ी मांगनी पड़ गई थी, देखें वीडियो
क्या है अभी का नया काण्ड
दैनिक भास्कर में खबर छपी कि कूदन इंचार्ज ने झाड़ू लेकर हमला कर दिया जिसके साथ डॉ मोहम्मद रफीक का स्टेटमेंट भी छापा गया मतलब भास्कर को पता था कि वहां क्या हुआ है और स्टेटमेंट उसके पास था मगर फिर भी घटना को पूरी तरह गलत छापा गया जिसके विरोध में डॉ रफीक ने सरकारी लेटर हेड पर लेटर लिखकर विरोध किया है और झूठी करार दे दिया हैसरकारी डाक्टर नमक पेज जिससे हज़ारों डॉक्टर जुड़े हुए हैं ऊपर लिखा गया है
"हम दैनिक भास्कर अखबार की झोलाछाप पत्रकारिता की निंदा भी करते हैं क्योंकि झाड़ू लेकर मारने के लिए पीछे दौड़ने एवं जेडी द्वारा भागकर जान बचाने जैसी कोई घटना नहीं हुई, यह केवल खबर को चटपटा मात्र बनाने के लिए अखबार का प्रोपेगैंडा है।"
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