जयपुर : इतिहास का सबसे रोचक राजस्थान विधान सभा चुनाव की हर सीट पर हर जगह से पेंच ही पेंच लग रहे हैं और सीकर को लेकर जहाँ कांग्रेस भाजपा दोनों ही अपने कैंडिडेट खड़ा करने से पहले तीसरे मोर्चे के कैंडिडेट के बारे में पता करना चाह रहे थे उससे जुडी अफवाहों का बाजार आज अपने चरम पर है | खबर है कि घनश्याम तिवारी सीकर की सीट पर अपने सुपुत्र अखिलेश तिवारी को खड़ा कर सकते हैं जिससे सीकर में दोनों पार्टियों को जातीय समीकरण बैठाने में दिक्कत आनी पक्की है | इस बात को हवा देने के लिए यह तथ्य भी बताये जा रहे हैं कि घनश्याम तिवारी हाल ही में सीकर में निजी कार्यक्रम में काफी समय तक देखे गए थे जबकि भागदौड़ वाले समय में तिवारी खुद ही स्टार प्रचारक है और इस समय उनके दौरे केवल मुख्य जगह ही हो पा रहे हैं
गत वर्ष तिवारी ने जब दीन दयाल वाहिनी के नाम से सांगानेर से सीकर तक सभाओं का तूफानी दौरा कर चुके हैं जहाँ उपस्थित भीड़ भी उनके दबदबे को बयान कर रही थी उसके ऊपर तिवारी खुद उसी मोहल्ले के वासी हैं जहाँ से संघ के कई बड़े अधिकारी आते हैं व सीकर आसपास के एरिया में संघ की गतिविधि व पहचान बनाने में तिवारी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है
दीन दयाल उपाध्याय वाहिनी के नाम से सीकर में सभा कर चुके हैं तिवारी
आशुतोष तिवारी के सीकर से खड़े होने की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है
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