किसान नेता पूर्व पंचायती राज मंत्री परमश्रद्धेय स्व. श्री हरलाल सिंह जी खर्रा की #द्वितीय_पुण्यतिथि पर शत शत नमन श्री हरलाल सिंह जी खर्रा का #राजनीतिक_जीवन
किसान पुरूष नेता के जीवन का बखान ,,,,
कौन था वो जिसे किसानों का मसीहा कहा जा सकता है ।
आज मैं आपको बताना चाहता हूँ कि वो कौन था जिसे आज भी जनता नहीं भूल पा रही।
हरलाल सिंह जी का जन्म 14 जनवरी 1930 को श्रीमाधोपुर के छोटे से गांव भारणी ,किसान परिवार में हुआ था।
27 साल की उम्र में गांव महरोली के सरपंच बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।
ओर ये महान नेता यही नहीं रुका।
उनके पश्चयात 1964 ओर 1981 में श्रीमाधोपुर के प्रधान भी बने ।
इसी दरमियान 1967 में जन संघ पार्टी की और से श्रीमाधोपुर के विधायक भी चुने गए ।
सोचो कि एक आम किसान के बेटे को लोग कैसे पलकों पर बिठाते गए।
कोई तो खास बात थी।।।
1967
1977
1985
1990
2003
कुल पांच बार विधायक चुने गए।
भैरोंसिंह शेखावत जी की सरकार में पंचायती राज मंत्री भी रहे।
प्रथम बार विधायक रहे तब मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया जी थे ।
बहुत बार कांग्रेस की ओर से सिंह को पैसो ओर मंत्री पद का प्रलोभन दिया गया ।
लेकिन सिंह ने इन सब से दूर हटकर श्रीमाधोपुर की जनता के विश्वास और अपनी पार्टी को महत्व दिया ।
एक और जहाँ आज राजनीति में नेता मूल्यों की राजनीति ना करके स्वार्थ की राजनीति करते है । वही श्री खर्रा साहब ने ताउम्र स्वच्छ और बेदाग राजनीति की ।
सादगी का दूसरा नाम #हरलाल_सिंह_खर्रा
इस शख्स की वजह से आज भारणी को पूरा देश जनता है।
इनकी सादगी और काम के तरीके से कभी राजनीति मे इनका कोई दुश्मन नज़र नहीं आया।
सिंह ने तो पार्टी नहीं छोड़ी पर 2003 में भाजपा ने इन पर भरोसा नहीं किया और एक टिकट नहीं दिया ।
एक बार तो इन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया ।
पर जनता की मान मनुहार से उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीत कर भारतीय जनता पार्टी को बता दिया था कि मेरी जीत आपके कमल के फूल की मोहताज नहीं है।
मेरी जीत आम आदमी की जीत है ।।
इस जीत के साथ श्री हरलाल सिंह खर्रा ने निर्दलीय के रूप में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड दर्ज है व इस 2003 के चुनाव में भाजपा के सबसे कम वोट % का रिकॉर्ड आज भी राजस्थान की विधानसभा चुनावों में कायम है ।
2003 का वो नजारा सिंह को लोग सिक्कों से लड्डुओं से तोला गया जैसे ..........
श्री हरलाल सिंह खर्रा ने चुनाव लड़ने के लिए अपनी सैकड़ो बीघा पैतृक जमीन बेच दी पर अपने 52 साल के सक्रिय राजनीति जीवन मे 1 पैसे का भी दाग नही लगने दिया ।
2009 में सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने के बाद भी जरूरतमंदों के मदद के लिए हमेशा तत्पर रहे ।
श्रीमाधोपुर के वर्तमान विधायक श्री झाबर सिंह खर्रा भी अपने पिताजी के नक़्शेकदमों पर चलते हुए आमजन का दिल जीता है । आज विधायक श्री खर्रा की भी बेदाग छवि और स्पष्टवादी छवि के कारण लोकप्रियता बढ़ रही है ।
आज श्रीमाधोपुर की जनता के लाड़ले विधायक के रूप में जाने जाते हैं।
हरलाल सिंह जी के तीन बेटे हैं
1 जिनमें बडे बेटे जो कि वर्तमान में श्रीमाधोपुर के विधायक हैं झाबर सिंह जी
2 महावीर सिंह जो कि राजस्थान सरकार में अध्यापक हैं।
3 प्रेम सिंह खर्रा जिनका जयपुर में स्वम् का अपना निजी व्यवसाय करते हैं।
61 साल से ये परिवार जनता की सेवा करता आया है ।
फिर भी आज भी सादगी इनका पर्याय दिखता है।
खर्रा परिवार के राजनीतिक जीवन पर एक नजर
#श्री_हरलाल_सिंह_खर्रा
*सरपंच , ग्राम पंचायत महरौली (1957-61)
*प्रधान , प.स. श्रीमाधोपुर (1965-67)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर ( 1967-72)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर ( 1977-80)
*जिलाध्यक्ष , भाजपा सीकर (1980)
*प्रधान , प.स. श्रीमाधोपुर (1981-1985)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर (1985-1990)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर (1990-1993)
*पंचायती राज मंत्री , राजस्थान सरकार (1990-1993)
*प्रत्याशी , लोकसभा क्षेत्र सीकर (1992)
*प्रदेशाध्यक्ष , भाजपा किसान मोर्चा राजस्थान (1992-95)
*जिला पार्षद , जिला परिषद सीकर (1995-2000)
*जिला पार्षद , जिला परिषद सीकर (2000-2003)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर ( 2003-08)
#श्रीमती_सुरजी_देवी_खर्रा ( श्री हरलाल सिंह खर्रा की धर्मपत्नी )*
*सदस्य , प.स. श्रीमाधोपुर (2000-05)
*प्रधान ,प.स. श्रीमाधोपुर (2000-05)
*सदस्य ,प.स. श्रीमाधोपुर (2010-15)
#श्री_झाबर_सिंह_खर्रा
*अध्यक्ष , राजस्थान लघु उद्योग संघ (1983-84)
*मंडल अध्यक्ष , भाजपा श्रीमाधोपुर देहात (2002-06)
*जिला पार्षद , जिला परिषद सीकर (2003- 05)
*सदस्य , प.स. श्रीमाधोपुर (2005-10)
*प्रधान , प.स. श्रीमाधोपुर (2005-10)
*सदस्य , सन्चालन मंडल कृषि मंडी श्रीमाधोपुर (2006-09)
*सदस्य , प.स. श्रीमाधोपुर ( 2010-13)
*प्रधान , प.स. श्रीमाधोपुर ( 2010-13)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर (2013)
* जिला अध्यक्ष , भाजपा श्रीमाधोपुर (2014 )
किसान पुरूष नेता के जीवन का बखान ,,,,
कौन था वो जिसे किसानों का मसीहा कहा जा सकता है ।
आज मैं आपको बताना चाहता हूँ कि वो कौन था जिसे आज भी जनता नहीं भूल पा रही।
हरलाल सिंह जी का जन्म 14 जनवरी 1930 को श्रीमाधोपुर के छोटे से गांव भारणी ,किसान परिवार में हुआ था।
27 साल की उम्र में गांव महरोली के सरपंच बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।
ओर ये महान नेता यही नहीं रुका।
उनके पश्चयात 1964 ओर 1981 में श्रीमाधोपुर के प्रधान भी बने ।
इसी दरमियान 1967 में जन संघ पार्टी की और से श्रीमाधोपुर के विधायक भी चुने गए ।
सोचो कि एक आम किसान के बेटे को लोग कैसे पलकों पर बिठाते गए।
कोई तो खास बात थी।।।
1967
1977
1985
1990
2003
कुल पांच बार विधायक चुने गए।
भैरोंसिंह शेखावत जी की सरकार में पंचायती राज मंत्री भी रहे।
प्रथम बार विधायक रहे तब मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया जी थे ।
बहुत बार कांग्रेस की ओर से सिंह को पैसो ओर मंत्री पद का प्रलोभन दिया गया ।
लेकिन सिंह ने इन सब से दूर हटकर श्रीमाधोपुर की जनता के विश्वास और अपनी पार्टी को महत्व दिया ।
एक और जहाँ आज राजनीति में नेता मूल्यों की राजनीति ना करके स्वार्थ की राजनीति करते है । वही श्री खर्रा साहब ने ताउम्र स्वच्छ और बेदाग राजनीति की ।
सादगी का दूसरा नाम #हरलाल_सिंह_खर्रा
इस शख्स की वजह से आज भारणी को पूरा देश जनता है।
इनकी सादगी और काम के तरीके से कभी राजनीति मे इनका कोई दुश्मन नज़र नहीं आया।
सिंह ने तो पार्टी नहीं छोड़ी पर 2003 में भाजपा ने इन पर भरोसा नहीं किया और एक टिकट नहीं दिया ।
एक बार तो इन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया ।
पर जनता की मान मनुहार से उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीत कर भारतीय जनता पार्टी को बता दिया था कि मेरी जीत आपके कमल के फूल की मोहताज नहीं है।
मेरी जीत आम आदमी की जीत है ।।
इस जीत के साथ श्री हरलाल सिंह खर्रा ने निर्दलीय के रूप में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड दर्ज है व इस 2003 के चुनाव में भाजपा के सबसे कम वोट % का रिकॉर्ड आज भी राजस्थान की विधानसभा चुनावों में कायम है ।
2003 का वो नजारा सिंह को लोग सिक्कों से लड्डुओं से तोला गया जैसे ..........
श्री हरलाल सिंह खर्रा ने चुनाव लड़ने के लिए अपनी सैकड़ो बीघा पैतृक जमीन बेच दी पर अपने 52 साल के सक्रिय राजनीति जीवन मे 1 पैसे का भी दाग नही लगने दिया ।
2009 में सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने के बाद भी जरूरतमंदों के मदद के लिए हमेशा तत्पर रहे ।
श्रीमाधोपुर के वर्तमान विधायक श्री झाबर सिंह खर्रा भी अपने पिताजी के नक़्शेकदमों पर चलते हुए आमजन का दिल जीता है । आज विधायक श्री खर्रा की भी बेदाग छवि और स्पष्टवादी छवि के कारण लोकप्रियता बढ़ रही है ।
आज श्रीमाधोपुर की जनता के लाड़ले विधायक के रूप में जाने जाते हैं।
हरलाल सिंह जी के तीन बेटे हैं
1 जिनमें बडे बेटे जो कि वर्तमान में श्रीमाधोपुर के विधायक हैं झाबर सिंह जी
2 महावीर सिंह जो कि राजस्थान सरकार में अध्यापक हैं।
3 प्रेम सिंह खर्रा जिनका जयपुर में स्वम् का अपना निजी व्यवसाय करते हैं।
61 साल से ये परिवार जनता की सेवा करता आया है ।
फिर भी आज भी सादगी इनका पर्याय दिखता है।
खर्रा परिवार के राजनीतिक जीवन पर एक नजर
#श्री_हरलाल_सिंह_खर्रा
*सरपंच , ग्राम पंचायत महरौली (1957-61)
*प्रधान , प.स. श्रीमाधोपुर (1965-67)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर ( 1967-72)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर ( 1977-80)
*जिलाध्यक्ष , भाजपा सीकर (1980)
*प्रधान , प.स. श्रीमाधोपुर (1981-1985)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर (1985-1990)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर (1990-1993)
*पंचायती राज मंत्री , राजस्थान सरकार (1990-1993)
*प्रत्याशी , लोकसभा क्षेत्र सीकर (1992)
*प्रदेशाध्यक्ष , भाजपा किसान मोर्चा राजस्थान (1992-95)
*जिला पार्षद , जिला परिषद सीकर (1995-2000)
*जिला पार्षद , जिला परिषद सीकर (2000-2003)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर ( 2003-08)
#श्रीमती_सुरजी_देवी_खर्रा ( श्री हरलाल सिंह खर्रा की धर्मपत्नी )*
*सदस्य , प.स. श्रीमाधोपुर (2000-05)
*प्रधान ,प.स. श्रीमाधोपुर (2000-05)
*सदस्य ,प.स. श्रीमाधोपुर (2010-15)
#श्री_झाबर_सिंह_खर्रा
*अध्यक्ष , राजस्थान लघु उद्योग संघ (1983-84)
*मंडल अध्यक्ष , भाजपा श्रीमाधोपुर देहात (2002-06)
*जिला पार्षद , जिला परिषद सीकर (2003- 05)
*सदस्य , प.स. श्रीमाधोपुर (2005-10)
*प्रधान , प.स. श्रीमाधोपुर (2005-10)
*सदस्य , सन्चालन मंडल कृषि मंडी श्रीमाधोपुर (2006-09)
*सदस्य , प.स. श्रीमाधोपुर ( 2010-13)
*प्रधान , प.स. श्रीमाधोपुर ( 2010-13)
*विधायक , विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर (2013)
* जिला अध्यक्ष , भाजपा श्रीमाधोपुर (2014 )
Ravi Bhamu (Citizen reporter)
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