शेखावाटी वीर गाथाओं से भरी हुई है और यहाँ देशभक्ति का जज्बा इतना गहरा है कि हर घर से जवान सेना, पैरा में जाने का सपना रखते हैं, जिद्द करते हैं और सेना में भर्ती होकर अपने देश का नाम भी रोशन करते हैं | पाकिस्तानी सेना और वहां से प्रायोजित आतंकवाद इनकी बहादुरी से थर थर कांपता है मगर देश से बाहरी खतरे ही नहीं अंदरूनी देशद्रोही भी जब इनपर हमला करते हैं तो देश के साथ साथ शेखावाटी का हर वाशिंदे का खून खौल जाता है
नक्सलवाद कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों के उस आंदोलन का अनौपचारिक नाम है जो भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के फलस्वरूप उत्पन्न हुआ। नक्सल शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के छोटे से गाँव नक्सलबाड़ी से हुई है जहाँ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल ने 1967 मे सत्ता के खिलाफ़ एक सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत की। मजूमदार चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग के बहुत बड़े प्रशंसकों में से थे 1967 में "नक्सलवादियों" ने कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों की एक अलग अखिल भारतीय समन्वय समिति बनाई और सरकार के खिलाफ़ भूमिगत होकर सशस्त्र लड़ाई छेड़ दी। 1971 के आंतरिक विद्रोह (जिसके अगुआ सत्यनारायण सिंह थे) और मजूमदार की मृत्यु के बाद यह आंदोलन एकाधिक शाखाओं में विभक्त हो गया
शेखावाटी भी है इन लाल आतंकियों से प्रभावित
देश में कहीं भी कोई भी सेना या अर्ध सेना बल की कोई कंपनी हो और उसमें शेखावाटी से कोई नहीं हो ये होना मुश्किल है, यहाँ के कण कण में वीरता बसी हुई है और इसलिए जैसे ही कहाँ भी किसी आतंकी घटना की खबर आती है तो पूरी शेखावाटी की सांसें थम जाती हैं क्यूंकि उन्हें पता है कि हमारे जवान एक कदम भी पीछे नहीं हटेंगे चाहे उनको अपना सर्वोच्च कुर्बान करना पड़ जाए | यहाँ की माताएं जानती है कि चाहे एक जवान के सामने चार लाल आतंकी आ जाएँ मगर उनका बेटा कभी पीछे नहीं हटेगा और न ही कभी उनसे अपनी जान बक्श देने की गुज़ारिश करेगा इसी जज्बे के कारण पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हो या लाल आतंकी एक बार हमला करने कि गलती तो कर लेते हैं मगर हमारे जवानों का जिगर देखकर सहम जाते हैं |
सरकार क्या कर रही है
सरकार बेहद सजग है और इनका सफाया बड़े तौर पर किया जा रहा है, इनके फंडिंग के सोर्स काटे जा रहे हैं , जो इनको देश के बाहर से या देश के अंदर से लाल आतंकवाद को फण्ड मुहैया कराते हैं उनपर नकेल कसी जा रही है, जैसे जैसे इनको फण्ड की कमी होगी वैसे वैसे इनका दम घुटेगा और ये या तो समर्पण कर देंगे या हमारे जवानों की गोली खाकर जहन्नुम का रास्ता देखेंगे
India salutes the brave @crpfindia personnel who were martyred in the attack in Sukma, Chhattisgarh.— Narendra Modi (@narendramodi) March 13, 2018
My thoughts are with the families and friends of the brave martyrs. The nation stands shoulder to shoulder with them in this hour of grief.
मंगलवार की दोपहर छत्तीसगढ़ के सुकमा में जब 212वीं सीआरपीएफ बटालियन को लेकर वाहन जा रहा था। नक्सलियों के बिछाये गये लैंड माइंस के विस्फोट में 9 जवान शहीद हो गये।
My heartfelt condolences to the families of those personnel who lost their lives in Sukma blast. I pray for the speedy recovery of the injured jawans. I spoke to DG @crpfindia regarding the Sukma incident and asked him to leave for Chhattisgarh.— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 13, 2018
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