हर जगह इस फोटो ने वायरल रूप ले रखा है और इसको खुद एक पढ़े लिखे आदमी ने हवा दे रखी है जो ये कहती है कि राजीव गाँधी की मूर्ति खुद लेफ्ट वालों ने सन 2008 में तोड़ी थी, हमने जांच की तो सामने आई सच्चाई
क्या मूर्ति राजीव गाँधी की ही है ?
बिलकुल कोई शक नहीं कि जो मूर्ति तोड़ी जा रही है फोटो में वो भारत के प्रधान मंत्री राजीव गाँधी की ही है
क्या ये फोटो त्रिपुरा की ही है ?
एकदम गलत, ये फोटो असल में त्रिपुरा की नहीं होकर आंध्र प्रदेश की है जब तेलंगाना को मान्यता दी गई थी उस समय यानि 2013 में असहमत उपद्रवियों ने तोड़ी थी
सबूत दिखाइए
लीजिये ये फोटो देखिये और अब इस खबर को शेयर कीजिये, अंग्रेजी में लिखा हुआ है कि जो भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गाँधी की मूर्ति तोड़ रहे हैं वो मवाली यूनाइटेड आंध्र प्रदेश नामक संस्था वाले हैं
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