चुनाव की गणित जो जानते हैं उनको पता है कि सत्ता का रास्ता जाति की गणित से होता है और इस गणित में जो थोडा भी चूका उसका प्यादा पिट जाता है, ऐसा ही देखने को मिल रहा है आज जिसकी कल्पना दो तीन महीने पहले तक नहीं की जा रही थी |

करनी सेना विभाजित है मगर सबसे प्रभावशाली गोगामेडी की करनी सेना है 

करनी सेना के तीन भाग हैं जिसमें अजित सिंह संरक्षित भाग को तो ज्यादा लोग ही नहीं जानते और जिले लेवल तक ही उनके प्रदर्शन सिमटे हुए प्रतीत होते हैं दूसरा कालवी वाला धडा भाजपा का साथी रहा मगर पद्मावत विवाद के अंतिम दौर में पहुँचते पहुँचते गोगामेडी ने पूरी ताकत से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया

कालवी की लोकप्रियता में कमी आई 

यूँ तो कालवी का कद बड़े और वरिष्ठ नेता की तरह क्षत्रिय समुदाय में आया करता था मगर कालवी के भंसाली को समझौता करने की अटकलों से हालिया घटनाक्रम में बेहद तेज़ी से बदलाव आया और ज्यदातरह युवा ये मान बैठे कि अगर कालवी भंसाली के साथ हुई जयपुर मारपीट के समय ही समझौता लैटर को देने से साफ़ मना कर देता तो फिल्म बन ही नहीं पाती | कालवी के ऑफिसियल करनी सेना पेज पर इसके विपरीत बातें लिखी हुई है

करनी सेना (कालवी) के कारंगा के खिलाफ करनी सेना (गोगामेडी) ने खोल दिया मोर्चा 

इधर जैसे ही करनी सेना (कालवी) के जिला अध्यक्ष ने मीडिया में बयान दिया कि गोगामेडी के कहने से कुछ नहीं होता क्षत्रिय समुदाय तो भाजपा को ही वोट देगा तो करनी सेना गोगामेडी ने कारंगा के खिलाफ युद्ध स्तर पर मोर्चा खोल दिया जिसके चलते क्षत्रिय समुदाय में अफरा तफरी मच गयी और करनी सेना कालवी के युवा भी उनके ही खिलाफ खड़े हो गए , बात बिगडती देख करनी सेना कालवी ने कारंगा को को तुरत-फुरत में हटाया मगर तब तक करनी सेना कालवी का काफी नुक्सान हो चुका था|

चुनाव की हार जीत कुछ प्रतिशत का ही होता है 

हम आपको पूरा गणित और ग्राफ़िक्स के जरिये बताएँगे कि चुनाव में एक प्रतिशत भी अगर वोट इधर से उधर जाता है तो वो एक नहीं बल्कि दो प्रतिशत का नुक्सान करता है और पूरी हार जीत का अंतर पांच से आठ प्रतिशत का ही होता है इसलिए ये माना जा सकता है कि छोटे से छोटे प्रतिशत का भी बड़ी फेरबदल को न्योता देता है

राज्य सरकार भला क्या करे 

वसुंधरा राजे सरकार ने पद्मावत को प्रदर्शित नहीं करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका तक लगाईं जिसकी वजह से चुनाव में घाटा नहीं उठाना पड़े मगर सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी | यहाँ पर भी बता दें कि गुलाबचंद कटारिया के पुराने बयान का करनी सेना मुद्दा बनाते हुए दिखाई दी और उन्होंने ये तक आरोप लगाया कि क़ानूनी कार्यवाही सिर्फ दिखावे के लिए की गई है | सीकर टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में करनी सेना गोगामेडी (श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना ) के महासचिव उम्मेद सिंह करीरी पहले ही बयान दे चुके थे कि राज्य सरकार कह कुछ रही है और मंत्री कर कुछ रहे हैं | उस इंटरव्यू को 21 लाख लोग फेसबुक और 54 हजार लोग youtube पर देख चुके हैं (इंटरव्यू लिंक)

NOTA का प्रतिशत बढ़ना क्या दर्शाता है ?

उपचुनाव में भारी मात्रा में मतदाताओं ने NOTA का बटन दबाया है ये मतदाता या तो सभी पार्टियों से नाराज़ होते हैं या ऐसे होते हैं जो अपनी पार्टी से नाराज़ हैं मगर दूसरी पार्टी को वोट नहीं करना चाहते | NOTA में बढ़ोत्तरी कांग्रेस के खिलाफ नहीं लगकर भाजपा के खिलाफ आक्रोश की तरफ इशारा कर रही है | 

भंसाली की सांस फूली, फर्जी स्टिंग की गोगामेडी ने धज्जियाँ उड़ा दी



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