सीकर टाइम्स :अखिल राजस्थान राज्य सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर आज दिनांक 16 अक्टूबर को प्रदेश के सेवारत चिकित्सकों द्वारा अपनी 33 जिले 33 सूत्रि माँगो को लेकर जहाँ सभी जिला मुख्यालयों पर धरने का आयोजन किया गया, वहीँ सीकर जिले में भी सीकर अरिस्दा के बैनर तले दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक श्री कल्याण चिकित्सालय परिसर में धरने का आयोजन किया गया।
धरने में जहाँ श्री कल्याण अस्पताल से पीएमओ डॉ एस के शर्मा, डॉ बी एस गढ़वाल,डॉ एच एस खेदड़,डिप्टी कंट्रोलर डॉ हरि सिंह, डॉ अश्वनी गोस्वामी, डॉ विक्रम बगड़िया,डॉ देवेन्द्र दाधीच,डॉ जितेन्द्र भूरिया,डॉ विकास अग्रवाल,डॉ महेश सचदेवा,डॉ महेश चौधरी,डॉ सीताराम,डॉ विनोद यादव सहित काफी चिकित्सक मौजूद थे वहीँ जिले से अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एम जाखड,उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सी पी ओला,जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विशाल भडिया,जिला औषधी प्रभारी डॉ अशोक महरिया, बीसीएमओ डॉ मुकेश डिग्रवाल, डॉ विनोद थालोड़,डॉ अश्वनी,ब्लॉक प्रतिनिधि डॉ गोपाल बोचलिया,डॉ विकास कृश्णिया,डॉ राजीव ढ़ाका,डॉ हरि सिंह नेहरा,डॉ मनोज यादव,डॉ सोनिया,डॉ शंकर चौधरी,डॉ राजेन्द्र समेत जिले के सभी ब्लॉक के करीब सैंकडो की तादाद मेँ चिकित्सकों ने शिरकत की।
राज्य के सेवारत चिकित्सक पिछले 2 माह से अधिक समय से अपनी 33 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत है किंतु सरकार के स्तर पर कोई संतोषप्रद कार्यवाही न होने पर चिकित्सको में जहां एक और रोष व्याप्त है वहीँ सरकार द्वारा चिकित्सको के अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित पद पर आरएएस की नियुक्ति कर आग में घी डालने का काम किया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने सरकार से अनुरोध किया कि सरकार अविलंब चिकित्सको की मांगों पर कार्यवाही कर उन्हें पूरा करे और हमारा अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित का पद चिकित्सको को लौटाने का कार्य करे अन्यथा प्रदेश का चिकित्सक लंबे संघर्ष के लिए तैयार है।
प्रदेश वरिष्ट उपाध्यक्ष एवं सीकर जिलाध्यक्ष डॉ लक्ष्मण सिंह ओला ने बताया कि चिकित्सकों की सभी माँगे जायज है,आमजन के हित में है एवं राज्य के स्वास्थ्य प्रबंधन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि धरने के माध्यम से सरकार को संदेश दिया है कि सभी सेवारत चिकित्सक राज्य अरिस्दा के बैनर तले एकजूट है, उनके अनुसार सभी जायज मांगें लागू करवाकर रहेंगे, आगे उन्होंने कहा कि सरकार हमारी धैर्य की परीक्षा नही ले बल्कि संवेदनशील रवैया अपनाते हुये हमारी माँगो को अतिशीघ्र लागू करे जिससे आमजन को तनिक भी कष्ट ना हो। ओला ने सरकार को चेताया कि जब तक अरिस्दा की मांगों पर ठोस क्रियान्वित नहीं हो जाती, तब तक सरकार के प्रति उनका असहयोग ना केवल जारी रहेगा बल्कि आंदोलन को और तेज किया जायेगा
16 October 2017
धरने में जहाँ श्री कल्याण अस्पताल से पीएमओ डॉ एस के शर्मा, डॉ बी एस गढ़वाल,डॉ एच एस खेदड़,डिप्टी कंट्रोलर डॉ हरि सिंह, डॉ अश्वनी गोस्वामी, डॉ विक्रम बगड़िया,डॉ देवेन्द्र दाधीच,डॉ जितेन्द्र भूरिया,डॉ विकास अग्रवाल,डॉ महेश सचदेवा,डॉ महेश चौधरी,डॉ सीताराम,डॉ विनोद यादव सहित काफी चिकित्सक मौजूद थे वहीँ जिले से अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एम जाखड,उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सी पी ओला,जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विशाल भडिया,जिला औषधी प्रभारी डॉ अशोक महरिया, बीसीएमओ डॉ मुकेश डिग्रवाल, डॉ विनोद थालोड़,डॉ अश्वनी,ब्लॉक प्रतिनिधि डॉ गोपाल बोचलिया,डॉ विकास कृश्णिया,डॉ राजीव ढ़ाका,डॉ हरि सिंह नेहरा,डॉ मनोज यादव,डॉ सोनिया,डॉ शंकर चौधरी,डॉ राजेन्द्र समेत जिले के सभी ब्लॉक के करीब सैंकडो की तादाद मेँ चिकित्सकों ने शिरकत की।
राज्य के सेवारत चिकित्सक पिछले 2 माह से अधिक समय से अपनी 33 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत है किंतु सरकार के स्तर पर कोई संतोषप्रद कार्यवाही न होने पर चिकित्सको में जहां एक और रोष व्याप्त है वहीँ सरकार द्वारा चिकित्सको के अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित पद पर आरएएस की नियुक्ति कर आग में घी डालने का काम किया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने सरकार से अनुरोध किया कि सरकार अविलंब चिकित्सको की मांगों पर कार्यवाही कर उन्हें पूरा करे और हमारा अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित का पद चिकित्सको को लौटाने का कार्य करे अन्यथा प्रदेश का चिकित्सक लंबे संघर्ष के लिए तैयार है।
प्रदेश वरिष्ट उपाध्यक्ष एवं सीकर जिलाध्यक्ष डॉ लक्ष्मण सिंह ओला ने बताया कि चिकित्सकों की सभी माँगे जायज है,आमजन के हित में है एवं राज्य के स्वास्थ्य प्रबंधन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि धरने के माध्यम से सरकार को संदेश दिया है कि सभी सेवारत चिकित्सक राज्य अरिस्दा के बैनर तले एकजूट है, उनके अनुसार सभी जायज मांगें लागू करवाकर रहेंगे, आगे उन्होंने कहा कि सरकार हमारी धैर्य की परीक्षा नही ले बल्कि संवेदनशील रवैया अपनाते हुये हमारी माँगो को अतिशीघ्र लागू करे जिससे आमजन को तनिक भी कष्ट ना हो। ओला ने सरकार को चेताया कि जब तक अरिस्दा की मांगों पर ठोस क्रियान्वित नहीं हो जाती, तब तक सरकार के प्रति उनका असहयोग ना केवल जारी रहेगा बल्कि आंदोलन को और तेज किया जायेगा
16 October 2017
एक टिप्पणी भेजें