अगस्त क्रांति नाम से सेवारत चिकित्सक पिछले लगभग 1 महीने से आंदोलनरत हैं।।
राजस्थान के समस्त सेवारत चिकित्सक पिछले लगभग 1 महीने से विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
इसी के तहत चिकित्सकों ने 11 अगस्त को जिला मुख्यालय पर माननीय मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री के नाम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था इस ज्ञापन में चिकित्सकों ने 21 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर विरोध करने तथा 21 अगस्त को जयपुर में धरना प्रदर्शन करने तथा उसके उपरांत 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी |
राजस्थान के समस्त सेवारत चिकित्सक पिछले लगभग 1 महीने से विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
इसी के तहत चिकित्सकों ने 11 अगस्त को जिला मुख्यालय पर माननीय मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री के नाम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था इस ज्ञापन में चिकित्सकों ने 21 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर विरोध करने तथा 21 अगस्त को जयपुर में धरना प्रदर्शन करने तथा उसके उपरांत 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी |
सीकर के श्री कल्याण चिकित्सालय में सेवारत चिकित्सा संघ के बैनर तले चिकित्सकों ने आज 1 घंटे कार्य बहिष्कार किया | सेवारत चिकित्सकों ने इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी
सेवारत चिकित्सकों की मुख्य मांग यह है कि उनका अलग से कैडर बनाया जाए DACP में विसंगतियां हैं उनको दूर किया जाए समस्त सरकारी अस्पतालों का संचालन एक पारी में किया जाए इसके अलावा चिकित्सकों को चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा प्रदान की जाए की मांगों को लेकर 21 अगस्त को जयपुर में चिकित्सा महासंघ ने एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन भी किया था जिसमें राज्य सरकार को ARISDA अध्यक्ष डॉक्टर अजय चौधरी ने ने चेताया था कि चिकित्सकों की विभिन्न मांगों को समय पर समाधान किया जाए अन्यथा चिकित्सक दिनांक 26 अगस्त से लेकर 29 अगस्त तक 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे इसके उपरांत भी अगर चिकित्सकों की मांगों को नहीं सुना गया तो 30 अगस्त को संपूर्ण राजस्थान के सेवारत चिकित्सक 1 दिन के सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे
गौरतलब है कि चिकित्सकों की जो मांगे 2011 आंदोलन के दौरान राज्य सरकार द्वारा मान ली गई थी तथा जो राज्य सरकार के साथ समझौता हुआ था वह अभी तक यानी कि 2017 तक लागू नहीं की गई है इसे चिकित्सक वर्ग नाराज है तथा आंदोलन की राह पर है अगर समय पर चिकित्सकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो राजस्थान की जनता को 30 अगस्त को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है
गौरतलब है कि चिकित्सकों की जो मांगे 2011 आंदोलन के दौरान राज्य सरकार द्वारा मान ली गई थी तथा जो राज्य सरकार के साथ समझौता हुआ था वह अभी तक यानी कि 2017 तक लागू नहीं की गई है इसे चिकित्सक वर्ग नाराज है तथा आंदोलन की राह पर है अगर समय पर चिकित्सकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो राजस्थान की जनता को 30 अगस्त को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है
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