48 गिरफ्तारियां हर तरफ उपद्रव और पुलिस के दखलअंदाजी के बाद धारा 144 का लागू होना शायद सीकर शहर के किस्मत में यही लिखा था
3 दिन पहले गुरुवार को दो समुदायों के बीच चालू हुआ विवाद ने जल्दी ही आगजनी की शक्ल ले ली और एक बुढ़िया का ठेला फूंक डाला गया ऐसा नहीं लगता कि सिर्फ उपद्रव के कारण ऐसा हुआ है बल्कि इसमें आपसी रंजिश भी दिखाई देती है और किसी दुखियारे का हक मारने का षड्यंत्र भी दिखता है
इन सब घटनाओं के बीच हर कोई एक दूसरे से पूछता नजर आया की जिओ की सिम चल रही है या नहीं | जनसाधारण को घटना से ज्यादा अपना फ्री का इंटरनेट इस्तेमाल नहीं कर पाने का गम पूरी तरह सताता रहा
जो 48 लोग गिरफ्तार हुए हैं उन सब पर कई अलग-अलग धाराएं लगी है | इन गिरफ्तार होने वाले लोगों में तो एक नगर पार्षद भी है, इस गिरफ्तारी से नाराज होकर कांग्रेसी पार्षदों ने इसका विरोध किया और इसी बीच ओम प्रकाश मिश्रा व नगर परिषद सभापति जीवन खान भी आपस में उलझ गए |
जब बड़े नेता आपस में उलझते दिखाई देंगे तो जो लोग गिरफ्तार हुए हैं उन्हें वह खुद क्या समझा पाएंगे | मिश्रा ने विरोध जताया कि जीवन एक पक्षीय हो रहे हैं इस पर सभापति ने अमित मिश्रा को मिथ्या बात कहने का आरोप लगाते हुए बात को पूरी तरह खारिज कर दिया
इसी दौरान मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाया अब देखना यह है कि जो लोग बीच बचाव कर रहे थे वो भी कहीं बाहर जाकर आपस में ही ना उलझें और उनको एक तरफ करने के लिए और किसी तीसरे को बीच बचाव करने आना पड़े
अपने अपने वोटरों को लुभाने के लिए और उनकी तरफ से बढ़-चढ़कर बोलने के लिए नेता हमेशा जाने जाते हैं और आगे भी इसी प्रकार जाने जाते रहेंगे | समर्थक इसी बात की तारीफ करते हैं और इसके साइड इफ़ेक्ट नेता को नहीं समर्थकों और उनकी फॅमिली को ही उठाना पड़ता है
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